PM Kusum Yojana : पीएम कुसुम सोलर सब्सिडी योजना में किसानों को मिलेगी 90% सब्सिडी, जानें आवेदन की पूरी प्रक्रिया

PM Kusum Yojana : केंद्र सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कुसुम सोलर सब्सिडी योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप स्थापित करने पर 90% तक की भारी सब्सिडी दी जाती है। यह योजना देशभर के 35 लाख से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य लेकर आई है। अब किसान ईंधन या बिजली पर निर्भर रहने के बजाय सौर ऊर्जा से अपने खेतों की सिंचाई कर सकेंगे। इससे उनके ईंधन खर्च में भारी कमी आएगी और वे मुफ्त बिजली का लाभ उठा पाएंगे। आइए, इस योजना से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारी, आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

What is PM Kusum Yojana : पीएम कुसुम सोलर सब्सिडी योजना क्या है ?

What is PM Kusum Yojana : प्रधानमंत्री कुसुम सोलर सब्सिडी योजना केंद्र सरकार की एक क्रांतिकारी योजना है, जिसे खासतौर पर देश के सभी किसान भाइयों के लिए शुरू किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत और Sarkari Yojana ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। योजना के तहत किसानों को उनके खेतों में सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई पंप लगाने की सुविधा प्रदान की जाती है। इसके लिए केंद्र सरकार किसानों को सोलर पंप की कुल लागत का 90% हिस्सा सब्सिडी के रूप में देती है। इसका मतलब यह है कि किसान को केवल 10% लागत वहन करनी होती है। यह सब्सिडी 2 हॉर्सपावर से लेकर 5 हॉर्सपावर तक के सोलर पंपों पर लागू होती है। सरकार का लक्ष्य इस योजना के जरिए 35 लाख से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाना है। यह योजना खासतौर पर उन किसानों के लिए लाभकारी है, जो अब तक डीजल और पेट्रोल आधारित सिंचाई पंपों Sarkari Yojana का इस्तेमाल कर रहे थे। डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दाम और इसके कारण होने वाले प्रदूषण को देखते हुए यह योजना किसानों के लिए एक बड़ी राहत है। योजना के पहले चरण में सरकार ने 17.5 लाख डीजल और पेट्रोल से चलने वाले पारंपरिक सिंचाई पंपों को सौर ऊर्जा से संचालित पंपों में बदलने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत, किसान अब पेट्रोल और डीजल पर निर्भर रहने के बजाय सौर ऊर्जा की मदद से अपने सिंचाई पंप चला सकेंगे। इससे न केवल उनकी सिंचाई के लिए ऊर्जा की समस्या हल होगी, बल्कि ईंधन और बिजली पर खर्च होने वाले पैसे की भी बचत होगी। इसके अतिरिक्त, सौर ऊर्जा का उपयोग करने से किसानों को मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा। यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि उनके कृषि उत्पादन को बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगी। यह कदम पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सौर ऊर्जा स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा का एक बेहतरीन स्रोत है। संक्षेप में, पीएम कुसुम सोलर सब्सिडी योजना किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है, जो उन्हें न केवल ऊर्जा बचत का अवसर दे रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और पर्यावरण के प्रति जागरूक भी बना रही है।

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Pm kusum subsidy yojana amount : पीएम कुसुम सोलर सब्सिडी योजना का उद्देश्य

Pm kusum subsidy yojana amount : प्रधानमंत्री कुसुम सोलर sarkari fayde.com सब्सिडी योजना केंद्र सरकार की सरकारी सब्सिडी योजना एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं प्रदान करना और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर उनकी निर्भरता को कम करना है। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से किसानों को मजबूत बनाने में सहायक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा के सतत विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। योजना के प्रमुख उद्देश्यों को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:

1. किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराना

  • सूखे और जल संकट से जूझ रहे किसानों को इस योजना के माध्यम से सिंचाई में सुधार करने का अवसर मिलेगा।
  • सोलर पंप का उपयोग किसानों को निरंतर और निर्बाध सिंचाई सेवाएं प्रदान करेगा, जिससे उनकी फसल उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।

2. डीजल और पेट्रोल की खपत को नियंत्रित करना

  • वर्तमान में डीजल पंपों की बढ़ती कीमतें किसानों के लिए बड़ा आर्थिक Sarkari Yojana बोझ बन चुकी हैं।
  • इस योजना के तहत डीजल और पेट्रोल आधारित पंपों की जगह सोलर पंप लाकर किसानों का ईंधन पर होने वाला खर्च कम किया जाएगा।
  • यह कदम ईंधन आयात पर निर्भरता को भी कम करेगा।

3. किसानों को मुफ्त बिजली प्रदान करना

  • सौर ऊर्जा एक मुफ्त और अक्षय ऊर्जा स्रोत है।
  • सोलर पंप के जरिए किसानों को मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा, जिससे उनका बिजली का सरकारी सब्सिडी योजना खर्च शून्य हो जाएगा।
  • इससे उन क्षेत्रों में भी बिजली उपलब्ध कराई जा सकती है, जहां अब तक ग्रिड बिजली नहीं पहुंची है।

4. किसानों की आय में वृद्धि करना

  • सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से किसानों का उत्पादन लागत कम होगी, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।
  • बेहतर सिंचाई सुविधाओं के चलते फसल की पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

5. सूखे क्षेत्रों में सिंचाई की चुनौतियों का समाधान करना

  • भारत के कई सूखे और जल संकट वाले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए डीजल या बिजली पर अत्यधिक निर्भरता है।
  • सोलर पंप की मदद से ऐसे क्षेत्रों में भी सिंचाई कार्य सुचारू रूप से किया जा सकेगा।

6. पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना

  • डीजल और पेट्रोल आधारित पंप प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत हैं।
  • सौर ऊर्जा का उपयोग प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को संरक्षित करने में सहायक है।
  • अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहन देकर यह योजना स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देती है।

7. ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता

  • सौर ऊर्जा के व्यापक उपयोग से भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में सरकारी सब्सिडी योजना मदद मिलेगी।
  • यह कदम आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

8. किसानों को नवीनतम तकनीक से जोड़ना

  • इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करने का अवसर मिलेगा।
  • इससे न केवल उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा, बल्कि वे नवीनतम तकनीकों के प्रति जागरूक भी बनेंगे।

9. सामाजिक और आर्थिक सुधार में योगदान

  • योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है।
  • सौर पंप स्थापित करने के लिए नई नौकरियां उत्पन्न होंगी, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगी।

10. ऊर्जा के सतत विकास को बढ़ावा देना

  • यह योजना सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन देती है, जो एक स्वच्छ, हरित और सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
  • सोलर पंप से मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा, जो भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगा।

PM Kusum Subsidy Yojana Benefit : पीएम कुसुम सोलर सब्सिडी योजना के लाभ

Pm kusum subsidy yojana Benefit : प्रधानमंत्री कुसुम सोलर सब्सिडी योजना किसानों के लिए एक शानदार पहल है, जो उन्हें न केवल बेहतर सिंचाई सुविधाएं प्रदान करती है, बल्कि ऊर्जा बचत और आय वृद्धि के नए अवसर भी उत्पन्न करती है। इस योजना के तहत किसानों को कई तरह के फायदे मिलते हैं, जिनका विस्तार निम्नलिखित बिंदुओं में किया गया है:

1. 28,250 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता

  • भारत सरकार ने सौर संयंत्रों के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया है, जो कुल मिलाकर 28,250 मेगावाट बिजली पैदा कर सकते हैं।
  • इस योजना के तहत बड़ी संख्या में सौर पंप और संयंत्र लगाए जाएंगे, जो किसानों के लिए मुफ्त बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।

2. 60% सब्सिडी और 30% ऋण

  • इस योजना के तहत, सरकार किसानों को सौर संयंत्र और पंप स्थापित करने के लिए 60% तक की सरकारी सब्सिडी योजना सब्सिडी प्रदान करेगी।
  • इसके अलावा, सरकार कुल लागत का 30% ऋण के रूप में उपलब्ध कराएगी। इसका मतलब यह है कि किसानों को सोलर पंप और संयंत्र की कुल लागत का केवल 10% ही वहन करना पड़ेगा, जिससे उनका आर्थिक बोझ बहुत कम होगा।

3. उच्च क्षमता वाले सौर पंपों का लाभ

  • कुसुम योजना के तहत किसानों को अत्याधुनिक और उच्च क्षमता वाले सौर पंप लगाने के लिए सब्सिडी मिलेगी।
  • इन पंपों की क्षमता 720 मेगावॉट तक होती है, जिससे किसानों को सिंचाई कार्य में बहुत मदद मिलेगी और उनकी फसल उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।

4. अतिरिक्त बिजली बेचने का अवसर

  • इस योजना के माध्यम से किसानों को अपनी सौर पंप से उत्पन्न सरकारी योजना अतिरिक्त बिजली को सरकार को बेचने का अवसर मिलेगा।
  • इससे किसानों को एक स्थिर आय का स्रोत प्राप्त होगा, जो उनकी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगा।

5. बंजर और असिंचित भूमि का उपयोग

  • इस योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी भूस्वामी अपनी बंजर और असिंचित भूमि का sarkari fayde.com उपयोग करके सौर संयंत्र स्थापित कर सकता है।
  • इसके माध्यम से किसान 25 वर्षों तक आय का एक स्थिर स्रोत प्राप्त कर सकते हैं, जो उनके लिए अतिरिक्त आर्थिक लाभ का रास्ता खोलेगा।

6. खेती योग्य भूमि पर सौर संयंत्र का न्यूनतम ऊंचाई पर लगना

  • कुसुम योजना के तहत सौर संयंत्र को खेती योग्य भूमि पर एक न्यूनतम ऊंचाई Sarkari Yojana पर लगाया जाएगा।
  • इसका लाभ यह है कि किसान अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगाने के बाद भी अपनी खेती जारी रख सकते हैं, जिससे उनकी दोनों गतिविधियाँ (खेती और सौर संयंत्र) साथ-साथ चल सकेंगी।

7. पर्यावरणीय लाभ और प्रदूषण में कमी

  • कुसुम योजना के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा का बढ़ता उपयोग सुनिश्चित किया जाता है, जो खेतों में प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।
  • इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि यह प्रदूषण रहित खेती के मार्ग को भी प्रशस्त करता है, जो किसानों के लिए और पूरे समाज के लिए लाभकारी है।

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PM Kusum yojana eligibility : कुसुम योजना के लिए पात्रता

PM Kusum Yojana Eligibility : प्रधानमंत्री कुसुम सोलर सब्सिडी योजना का लाभ विभिन्न किसानों और कृषि संगठनों को प्राप्त हो सकता है। इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित श्रेणियों को पात्र माना गया है:

1. व्यक्तिगत किसान

  • वह किसान जो अपने व्यक्तिगत खेतों में सोलर पंप स्थापित करना सरकारी योजना चाहते हैं, वे इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र होंगे।
  • यह योजना उन किसानों के लिए उपयुक्त है जो अपनी सिंचाई कार्यों को बेहतर और सस्ते तरीके से करना चाहते हैं।

2. किसानों का समूह

  • यदि कुछ किसान एक साथ मिलकर सोलर पंप लगाना चाहते हैं, तो वे समूह बनाकर इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।
  • यह समूह किसानों को सामूहिक रूप से सोलर पंपों की सुविधा प्रदान करता है और उनके सामूहिक प्रयासों से लागत में कमी आती है।

3. एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन)

  • किसान उत्पादक संगठन (FPOs) भी इस योजना के तहत पात्र हैं।
  • एफपीओ छोटे किसानों को एकजुट कर उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाते हैं, और कुसुम योजना के तहत वे सोलर पंपों के लाभ को सामूहिक रूप से प्राप्त कर सकते हैं।

4. पंचायत

  • ग्राम पंचायतें भी इस योजना के तहत आवेदन करने की पात्र हैं।
  • पंचायतों द्वारा अपने गांवों में सोलर पंपों की स्थापना से पूरे गांव को सिंचाई सुविधाएं प्राप्त हो सकती हैं।

5. सहकारिताएं

  • सहकारी समितियां भी इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
  • सहकारी संस्थाएं किसानों के लिए सोलर पंपों की व्यवस्था कर सकती हैं, जिससे किसानों को सामूहिक रूप से इसका लाभ मिल सके।

6. जल उपयोगकर्ता संघ

  • जल उपयोगकर्ता संघ (Water User Associations) भी इस सरकारी योजना योजना में शामिल हो सकते हैं।
  • यह संघ विशेष रूप से सिंचाई के लिए जल संसाधनों का प्रबंधन करते हैं और कुसुम योजना के तहत सोलर पंपों का उपयोग कर सकते हैं।

कुसुम सोलर सब्सिडी योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़

प्रधानमंत्री कुसुम सोलर सब्सिडी योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। ये दस्तावेज़ आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने और योजना का लाभ प्राप्त करने में सहायक होते हैं। आवश्यक दस्तावेज़ निम्नलिखित हैं:

1. आधार कार्ड

  • आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड अनिवार्य है।
  • यह दस्तावेज़ पहचान और पते की पुष्टि के लिए उपयोग किया जाता है।

2. खसराखतौनी सहित भूमि दस्तावेज

  • किसान को अपनी कृषि भूमि से संबंधित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे, जिसमें खसरा-खतौनी शामिल हो।
  • यह दस्तावेज़ भूमि के मालिकाना हक को साबित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि भूमि पर सोलर पंप स्थापित किया जा सकता है।

3. बैंक खाता पासबुक

  • किसान को अपनी बैंक खाता पासबुक की छायाप्रति भी आवेदन के साथ जमा करनी होगी।
  • यह दस्तावेज़ बैंक खाते की जानकारी और कृषि संबंधी लेन-देन की पुष्टि के लिए जरूरी होता है।

4. एक घोषणा पत्र

  • किसान को एक घोषणा पत्र भी प्रस्तुत करना होगा, जिसमें वे योजना के सभी नियमों और शर्तों को स्वीकार करने की घोषणा करेंगे।
  • यह घोषणा पत्र किसान की जिम्मेदारी और उनकी योजना के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

5. मोबाइल नंबर

  • आवेदन के साथ एक सक्रिय मोबाइल नंबर भी देना आवश्यक है।
  • यह नंबर आवेदन की स्थिति, योजना से संबंधित सूचना और अन्य संपर्क के लिए उपयोग किया जाएगा।

6. पासपोर्ट आकार का फोटो

  • किसान को अपनी हालिया पासपोर्ट आकार की फोटो भी आवेदन के साथ जमा करनी होगी।
  • यह फोटो पहचान प्रमाण के रूप में कार्य करती है।

Pm kusum subsidy yojana apply online : प्रधानमंत्री कुसुम सोलर सब्सिडी योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया

Pm kusum subsidy yojana apply online : कुसुम योजना के तहत आवेदन करने के इच्छुक किसान ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से आसानी से आवेदन कर सकते हैं। नीचे दी गई चरण-दर-चरण प्रक्रिया का पालन करके आप इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं:

चरण 1: आधिकारिक पोर्टल पर जाएं

  • सबसे पहले, प्रधानमंत्री कुसुम सोलर सब्सिडी योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • आधिकारिक पोर्टल का लिंक है: https://pmkusum.mnre.gov.in
  • वेबसाइट पर जाने के बाद, पंजीकरण अनुभाग पर क्लिक करें।

चरण 2: पंजीकरण फॉर्म भरें

  • पंजीकरण अनुभाग पर क्लिक करने के बाद, आपकी स्क्रीन पर पंजीकरण फॉर्म दिखाई देगा।
  • इस फॉर्म में सभी आवश्यक विवरण सही-सही भरें, जैसे नाम, पता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि।
  • सुनिश्चित करें कि आपने सभी जानकारी सही और पूरी तरीके से दी है।

चरण 3: घोषणा पत्र चेक करें और सबमिट करें

  • पंजीकरण फॉर्म भरने के बाद, घोषणा पत्र का बॉक्स चेक करें।
  • इसके बाद, “सबमिट” बटन पर क्लिक करें।
  • इस चरण में आपका पंजीकरण सफलतापूर्वक हो जाएगा।

चरण 4: लॉगिन करें

  • पंजीकरण के बाद, अब आपको सौर कृषि पंपसेट सब्सिडी योजना 2021 के लिए “लॉग इन” पर क्लिक करना होगा।
  • लॉगिन करने के बाद, आप अपनी आवेदन प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं।

चरण 5: ऑनलाइन आवेदन पत्र भरें और सबमिट करें

  • लॉगिन करने के बाद, ऑनलाइन आवेदन पत्र में सभी आवश्यक जानकारी सही-सही भरें।
  • इसके साथ ही सभी सहायक दस्तावेज़ों को स्कैन करके अपलोड करें।
  • सुनिश्चित करें कि आप सभी दस्तावेज़ ठीक से अपलोड कर रहे हैं और फिर आवेदन को सबमिट करें।

नोट:

  • कुसुम योजना के लिए सफल ऑनलाइन आवेदन के बाद, किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए कुल लागत का 10% शुल्क विभाग द्वारा भेजे गए आपूर्तिकर्ता को जमा करना होगा।
  • सब्सिडी राशि स्वीकृत होने के बाद, सोलर पंप सेट को स्थापित किया जाएगा, और यह प्रक्रिया सामान्यत: 90 से 100 दिनों के भीतर पूरी हो जाती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. पीएम-कुसुम योजना के तहत समर्थित विभिन्न प्रकार की प्रणालियाँ क्या हैं?

पीएम-कुसुम योजना के तहत निम्नलिखित प्रकार की प्रणालियाँ समर्थित हैं:

  • सौर सिंचाई पंप
  • नवीकरणीय ऊर्जा पावर प्लांट
  • ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित पंप और संयंत्र

2. पीएम-कुसुम योजना का घटक-ए क्या है?

घटक-ए का उद्देश्य किसानों के लिए सौर पंप स्थापित करना है। इसके तहत, किसानों को अपने खेतों में सोलर पंप लगाने के लिए 90% तक की सब्सिडी प्राप्त होती है, जबकि किसानों को 10% लागत खुद वहन करनी होती है। यह योजना किसानों के सिंचाई कार्यों के लिए सहायक है।

3. पीएम-कुसुम योजना के घटक-ए के अंतर्गत कौन पात्र है?

घटक-ए के अंतर्गत व्यक्तिगत किसान, किसान समूह, किसान उत्पादक संगठन (FPO), सहकारी समितियाँ और पंचायतें पात्र हैं। इन सभी को सोलर पंप लगाने के लिए योजना का लाभ मिल सकता है।

4. उत्पादित बिजली कौन खरीदेगा?

उत्पादित सौर ऊर्जा को संबंधित डिस्कॉम (डिस्ट्रीब्यूटेड पावर कंपनियां) खरीदेगी। किसान अपनी अतिरिक्त बिजली को सरकार को बेच सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकती है।

5. क्या किसान घटक-ए के तहत नवीकरणीय ऊर्जा पावर प्लांट के विकास के लिए अपनी जमीन पट्टे पर दे सकते हैं?

हाँ, किसान घटक-ए के तहत नवीकरणीय ऊर्जा पावर प्लांट के विकास के लिए अपनी असिंचित या बंजर भूमि को पट्टे पर दे सकते हैं। यह भूमि पट्टे पर देने से किसान को स्थिर आय का एक और स्रोत मिल सकता है।

6. योजना के घटक-ए के अंतर्गत किस प्रकार की वित्तीय सहायता उपलब्ध है?

घटक-ए में किसानों को सोलर पंप की स्थापना के लिए 90% तक की सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा, किसानों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी मिल सकती है जो सोलर पंप सेट की लागत को कवर करने में मदद करती है।

7. पीएम-कुसुम योजना का घटक-बी क्या है?

घटक-बी का उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा आधारित पंप और संयंत्र स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके तहत किसान अपनी भूमि पर सौर पंप और संयंत्र लगा सकते हैं, जो सिंचाई के काम आएंगे।

8. पीएम-कुसुम के घटक-बी के अंतर्गत कौन पात्र है?

घटक-बी के तहत व्यक्तिगत किसान, किसान समूह और पंचायतें पात्र हैं। इन श्रेणियों के किसान योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

9. क्या सोलर पंप की स्थापना के लिए कोई सब्सिडी है?

जी हाँ, पीएम-कुसुम योजना के तहत सोलर पंप की स्थापना पर किसानों को 90% तक की सब्सिडी मिलती है। यह सब्सिडी सोलर पंप की पूरी लागत को कवर करती है, और किसान केवल 10% लागत का भुगतान करते हैं।

10. पीएम-कुसुम योजना का घटक-सी क्या है?

घटक-सी का उद्देश्य सौर ऊर्जा आधारित पंपों के संचालन और रख-रखाव के लिए सहायता प्रदान करना है। इसमें सौर पंपों को स्थापित करने और उनके निरंतर संचालन के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता दी जाती है।

11. पीएम-कुसुम के घटक-सी के अंतर्गत कौन पात्र है?

घटक-सी के तहत किसान, किसान समूह और सहकारी समितियाँ पात्र हैं। ये संगठन सौर पंपों का संचालन और रख-रखाव कर सकते हैं।

12. क्या सौर ऊर्जा पंप की स्थापना के लिए कोई सब्सिडी है?

जी हाँ, सौर ऊर्जा पंप की स्थापना पर सरकार द्वारा 90% तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे किसानों को अपनी लागत कम करनी पड़ती है और उन्हें सस्ती सौर ऊर्जा का लाभ मिलता है।

13. मुझे इस योजना के बारे में अधिक जानकारी कहां मिल सकती है?

आप पीएम कुसुम सोलर सब्सिडी योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://pmkusum.mnre.gov.in पर जा सकते हैं। इसके अलावा, आप राज्य सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा विभाग से भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

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