National Saving Certificate Yojana : राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) भारतीय डाकघर द्वारा संचालित एक सुरक्षित और स्थिर निवेश योजना है, जो विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए बनाई गई है जो अपने पैसे को सुरक्षित रखते हुए अच्छे रिटर्न की उम्मीद करते हैं। यह योजना उन लोगों के लिए आदर्श है जो दीर्घकालिक निवेश के साथ-साथ कर लाभ भी प्राप्त करना चाहते हैं। 2025 में, इस योजना के तहत ब्याज दरें और सुविधाएँ क्या हैं? आइए विस्तार से जानते हैं।
What is NSC Scheme : क्या है राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र योजना
What is NSC Scheme : राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (VIII-अंक) योजना, जिसे भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा लागू किया गया है, एक ऐसी योजना है जो व्यक्तियों के बीच दीर्घकालिक बचत की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के तहत, कोई भी व्यक्ति न्यूनतम ₹1000 की राशि से शुरू करके, उसके बाद ₹100 के गुणकों में जमा कर सकता है, और इसमें कोई अधिकतम जमा सीमा नहीं है। यह जमा राशि 5 वर्षों के लिए रखी जाती है और 5 वर्ष की परिपक्वता अवधि के बाद यह वापस प्राप्त की जा सकती है। इस योजना में जमा की गई राशि पर ब्याज भी मिलता है, जो निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प साबित होता है।
इस योजना के तहत विभिन्न प्रकार के खाते खोले जा सकते हैं:
- एकल धारक प्रकार खाता: इस प्रकार का खाता एकल व्यक्ति द्वारा खोला जा सकता है। यह खाता किसी वयस्क द्वारा अपने नाम पर, या किसी नाबालिग या विकलांग व्यक्ति के लिए अभिभावक की ओर से खोला जा सकता है। इसके अलावा, यह खाता ऐसे नाबालिगों द्वारा भी खोला जा सकता है जो 10 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं। इस खाता प्रकार में केवल एक व्यक्ति का अधिकार होता है और वह पूरी तरह से खाता का नियंत्रण रखता है।
- संयुक्त ए-प्रकार खाता: इस प्रकार का खाता अधिकतम तीन वयस्कों के नाम पर संयुक्त रूप से खोला जा सकता है। इस खाते में सभी धारकों को संयुक्त रूप से या उत्तरजीवी/उत्तरजीवियों को देय राशि मिलती है। इसका मतलब है कि यदि खाता धारकों में से कोई एक व्यक्ति Sarkari Yojana निधन को प्राप्त करता है, तो बची हुई राशि अन्य जीवित धारकों को मिलती है या फिर उत्तरजीवियों को। इस प्रकार के खाते में खाता धारकों का सहमति से नियंत्रण होता है और वे एकजुट रूप से खाता संचालित करते हैं।
- संयुक्त बी-प्रकार खाता: यह खाता भी अधिकतम तीन वयस्कों के नाम पर संयुक्त रूप से खोला जा सकता है। Sarkari Yojana लेकिन इसके प्रावधान में थोड़ा अंतर है। इस खाते में किसी भी धारक या उत्तरजीवी/उत्तरजीवियों को देय राशि मिलती है। इसका अर्थ यह है कि यदि खाता धारकों में से कोई एक व्यक्ति मृत हो जाता है, तो अन्य सभी धारकों या उत्तरजीवियों को पूरी राशि मिल जाती है, भले ही खाता में अन्य धारकों का हिस्सा हो।
इस प्रकार, यह योजना भारतीय नागरिकों के लिए एक सुरक्षित बचत योजना प्रदान करती है, जिसमें विभिन्न प्रकार के खाता विकल्पों के माध्यम से निवेशक अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुसार विकल्प चुन सकते हैं।
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) योजना का परिचय
विशेषता | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) |
प्रवेश की न्यूनतम राशि | ₹1,000 |
मैच्योरिटी अवधि | 5 वर्ष |
ब्याज दर | वर्तमान में 7.7% प्रति वर्ष |
जोखिम प्रोफाइल | कम जोखिम |
कर लाभ | धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट |
Nsc scheme interest rate : राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) के फ़ायदे
- आकर्षक ब्याज दर: राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र 7.7% की आकर्षक ब्याज दर प्रदान करते हैं, जो वार्षिक रूप से संयोजित होती है। हालांकि, ब्याज का भुगतान परिपक्वता के समय किया जाता है, जिससे निवेशक को एकमुश्त लाभ मिलता है।
- कोई अधिकतम जमा सीमा नहीं: इस योजना में कोई अधिकतम जमा सीमा नहीं है। आप Sarkari Yojana अपनी आवश्यकता के अनुसार किसी भी राशि में निवेश कर सकते हैं, जिससे यह एक लचीला निवेश विकल्प बनता है।
- 5 वर्ष की परिपक्वता अवधि: NSC योजना की परिपक्वता अवधि 5 वर्ष होती है। sarkari fayde.com इस दौरान आपका निवेश सुरक्षित रहता है, और परिपक्वता के बाद आपको निवेश की राशि और ब्याज का भुगतान किया जाता है।
- ऋण सुविधा: आप अपने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र को बैंकों में गिरवी रखकर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इससे आपको आवश्यकतानुसार नकद राशि मिल सकती है, जबकि आपका निवेश सुरक्षित बना रहता है।
NSC Scheme Eligibility : राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) योजना – पात्रता
1. पात्रता:
- भारत का निवासी: इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी है, पात्र है।
- नाबालिग और विकृत मस्तिष्क वाले व्यक्ति: नाबालिगों (जो 10 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं) और विकृत मस्तिष्क वाले व्यक्तियों के लिए भी इस योजना में निवेश की सुविधा उपलब्ध है। इस स्थिति में, नाबालिग या विकृत मस्तिष्क वाले व्यक्ति की ओर से अभिभावक (जैसे माता-पिता या Sarkari Yojana कानूनी अभिभावक) इस योजना के तहत खाता खोल सकते हैं और निवेश कर सकते हैं।
- न्यूनतम आयु: नाबालिगों के लिए न्यूनतम आयु 10 वर्ष होनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि केवल 10 वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चे ही इस योजना का हिस्सा बन सकते हैं।
2. जमा:
- न्यूनतम और अधिकतम राशि: इस योजना में, किसी भी खाता धारक द्वारा sarkari fayde.com खाते में न्यूनतम ₹1000/- जमा किया जा सकता है। इसके बाद ₹100/- के गुणकों में कोई भी राशि जमा की जा सकती है। उदाहरण के तौर पर, ₹1000, ₹1100, ₹1200 आदि में जमा किया जा सकता है।
- कोई अधिकतम सीमा नहीं: इस योजना में खातों में जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं होती। सरकारी योजना इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति जितनी राशि चाहे उतनी जमा कर सकता है। इस लचीलापन के कारण, यह योजना विभिन्न प्रकार के निवेशकों के लिए उपयुक्त है।
- खाते की संख्या: एक व्यक्ति को एक से अधिक खाते खोलने की अनुमति है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी निवेश राशि को अलग-अलग खातों में विभाजित करना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है।
3. परिपक्वता पर भुगतान:
- 5 वर्ष की अवधि: इस योजना में जमा की गई राशि परिपक्व होने के लिए 5 वर्षों का समय लेती है। इसका मतलब है कि जमा की तारीख से 5 वर्ष बाद खाता परिपक्व हो जाएगा और खाताधारक को अपनी जमा राशि और ब्याज के साथ भुगतान किया जाएगा।
- परिपक्वता मूल्य:
- जब कोई खाता ₹1000 से खोला जाता है, तो उसका परिपक्वता मूल्य ₹1400.54 होता है।
- यदि किसी अन्य राशि के साथ जमा किया गया हो, तो उसका परिपक्वता मूल्य आनुपातिक रूप से बढ़ता है।
- पूर्णांक की गणना: परिपक्वता मूल्य की गणना में यदि कोई राशि एक रुपये के अंश में हो, तो उसे सरकारी योजना निकटतम रुपये में पूर्णांकित किया जाएगा। उदाहरण के लिए, ₹1400.54 को ₹1401 माना जाएगा, जबकि ₹1400.44 को ₹1400 माना जाएगा।
- पचास पैसे का ध्यान रखें: यदि किसी राशि में पचास पैसे या उससे अधिक sarkari fayde.com हों, तो उसे एक रुपये के रूप में माना जाएगा। वहीं, पचास पैसे से कम की राशि को अनदेखा किया जाएगा।
4. वार्षिक ब्याज प्रमाण पत्र
- यदि खाताधारक को अपनी जमा पर अर्जित ब्याज का प्रमाण पत्र चाहिए, तो वह लेखा कार्यालय sarkari fayde.com से अनुरोध कर सकता है। लेखा कार्यालय की ओर से वार्षिक ब्याज उपार्जन का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जिससे खाताधारक अपनी आयकर वापसी या अन्य आवश्यकताओं के लिए इसे उपयोग कर सकते हैं।
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NSC Scheme yojana Document : आवश्यक दस्तावेज़
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
- पासपोर्ट आकार का फोटो:
आवेदक को हाल ही में लिया गया पासपोर्ट आकार का फोटो प्रस्तुत करना होगा। - आधार कार्ड:
आवेदक का आधार कार्ड, जो एक वैध पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया जाएगा। - पैन कार्ड:
पैन कार्ड, जो एक अन्य पहचान प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। - आयु का प्रमाण:
आयु का प्रमाण देने के लिए जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है। - पहचान और पते के प्रमाण के लिए वैध दस्तावेज़:
पहचान और पते के प्रमाण के रूप में निम्नलिखित दस्तावेज़ों को वैध माना जाएगा:- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- मतदाता पहचान पत्र
- राज्य सरकार के अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित नरेगा जॉब कार्ड
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र (जिसमें नाम और पते का विवरण हो)
How to apply for national savings certificates : राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया (ऑफलाइन)
- चरण 1: निकटतम डाकघर या बैंक शाखा पर जाएं
आवेदक को सबसे पहले अपने निकटतम डाकघर शाखा या नामित बैंक में जाना होगा, जहां से सरकारी योजना वह आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकता है। - चरण 2: फॉर्म प्राप्त करें या डाउनलोड करें
आवेदक को आवेदन फॉर्म प्राप्त करने के लिए डाकघर शाखा या बैंक से संपर्क करना होगा। इसके अलावा, यह फॉर्म आवेदक भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है। - चरण 3: आवेदन पत्र भरें और दस्तावेज़ संलग्न करें
आवेदक को आवेदन फॉर्म को सही और पूर्ण रूप से भरना होगा। इसके साथ ही, सभी आवश्यक दस्तावेज़ जैसे कि पहचान प्रमाण, पते का प्रमाण, जन्म प्रमाण पत्र (यदि नाबालिग के लिए आवेदन हो) आदि को आवेदन पत्र में संलग्न करना होगा। - चरण 4: घोषणा और नामांकन विवरण भरें
आवेदन पत्र में घोषणा और नामांकन विवरण भरना अनिवार्य है। इसमें खाताधारक द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर राशि देने का निर्णय और नामांकन विवरण की जानकारी शामिल होगी। - चरण 5: प्रारंभिक राशि के साथ आवेदन जमा करें
आवेदन पत्र को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित शाखा में जमा करना होगा। साथ ही, निवेश/जमा की प्रारंभिक राशि को जमा करना भी आवश्यक है, जो न्यूनतम ₹1000/- होनी चाहिए। - चरण 6: पावती प्राप्त करें
आवेदन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संसाधित किए जाने के बाद, आवेदक को एक पावती प्राप्त होगी, जो यह प्रमाणित करती है कि उसका NSC खाता शुरू हो गया है। यह पावती खाता खोलने की पुष्टि और भविष्य में किसी भी संदर्भ के लिए उपयोगी हो सकती है।
National Savings Certificate calculator : राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) खाते का समय से पहले बंद होना
- समय से पहले खाता बंद करने के मामले:
सामान्य रूप से, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) खाता परिपक्वता से पहले बंद नहीं किया जा सकता। हालांकि, कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:- खाताधारक की मृत्यु: यदि एकल खाते के खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, या यदि संयुक्त खाते के किसी एक या सभी खाताधारकों की मृत्यु हो जाती है, तो खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है।
- गिरवी द्वारा जब्ती: यदि खाता गिरवी रखा गया हो और उसे किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा जब्त किया जाता है, तो खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है, जब यह प्रक्रिया इस योजना के नियमों के अनुरूप हो।
- न्यायालय का आदेश: यदि न्यायालय द्वारा खाता बंद करने का आदेश दिया जाता है, तो इसे समय से पहले बंद किया जा सकता है।
- समय से पहले खाता बंद करने पर भुगतान:
- एक वर्ष की समाप्ति से पहले: यदि कोई खाता जमा की तारीख से एक वर्ष की समाप्ति से पहले समय से पहले बंद किया जाता है, तो केवल मूल राशि ही दी जाएगी। इस स्थिति में ब्याज का भुगतान नहीं किया जाएगा।
- एक वर्ष के बाद लेकिन तीन वर्ष के पहले: यदि जमा की तारीख से एक वर्ष की समाप्ति के बाद लेकिन तीन वर्ष की समाप्ति से पहले खाता समय से पहले बंद किया जाता है, तो ऐसा खाता बंद किया जा सकता है। इस स्थिति में, डाकघर बचत खाते पर लागू ब्याज दर के अनुसार मूल राशि पर ब्याज देय होगा, लेकिन यह ब्याज केवल उन महीनों के लिए होगा, जिनमें खाता खुला था।
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को खाते का स्थानांतरण
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) खाता एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को स्थानांतरित किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें और परिस्थितियाँ निर्धारित की गई हैं। निम्नलिखित मामलों में खाता स्थानांतरित किया जा सकता है:
- एकल खाते में खाताधारक की मृत्यु:
यदि एकल खाता धारक की मृत्यु हो जाती है, तो खाता की राशि उसके कानूनी उत्तराधिकारियों या नामितियों को हस्तांतरित कर दी जाएगी, जैसा कि मामला हो। इस स्थिति में, खाता का स्थानांतरण मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी या नामित व्यक्ति के नाम पर किया जाएगा। - संयुक्त खाते में सभी खाताधारकों की मृत्यु:
यदि संयुक्त खाता में सभी खाताधारकों की मृत्यु हो जाती है, तो खाता की राशि कानूनी उत्तराधिकारियों या नामितियों को हस्तांतरित कर दी जाएगी, जैसा कि लागू होगा। इस स्थिति में, खाते का स्थानांतरण मृतक खाताधारकों के उत्तराधिकारियों या नामित व्यक्तियों को किया जाएगा। - न्यायालय का आदेश:
यदि न्यायालय द्वारा आदेश दिया जाता है, तो खाता न्यायालय को अथवा न्यायालय के आदेशानुसार किसी अन्य व्यक्ति को स्थानांतरित किया जाएगा। इसका मतलब है कि न्यायालय के आदेश के आधार पर खाता का स्थानांतरण हो सकता है। - गिरवी रखने पर:
यदि खाता गिरवी रखा गया हो और इसे किसी अधिकारिक प्रक्रिया के तहत जब्त किया जाता है, तो खाता को तदनुसार गिरवी धारक के नाम पर स्थानांतरित किया जाएगा। - संयुक्त खाते में किसी एक खाताधारक की मृत्यु:
यदि संयुक्त खाता में किसी एक खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो खाता जीवित खाताधारक के नाम पर या किसी अन्य शर्त के अनुसार स्थानांतरित किया जाएगा। यह स्थानांतरण केवल तब किया जाएगा जब खाता में जीवित खाताधारक या अन्य खाताधारक के लिए कोई कानूनी प्रतिबंध न हो।
इस प्रकार, यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को खाता स्थानांतरित करने की स्थिति में उचित कानूनी दस्तावेज़ और न्यायालय के आदेश के अनुसार स्थानांतरण हो।
खाताधारक की मृत्यु पर भुगतान
- एकल या संयुक्त खाता धारक की मृत्यु पर भुगतान:
यदि किसी एकल खाता के जमाकर्ता या संयुक्त खाता के सभी जमाकर्ताओं की मृत्यु हो जाती है, तो खाते में शेष राशि, योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, पात्र व्यक्ति को देय होगी। यह राशि मृतक के कानूनी उत्तराधिकारियों या नामित व्यक्ति को दी जाएगी, जैसा कि उपरोक्त प्रावधानों में उल्लेखित है। - नामांकन का प्रभाव:
यदि एकल खाता के जमाकर्ता या संयुक्त खाता के सभी जमाकर्ताओं की मृत्यु के समय नामांकन प्रभावी है, तो नामित व्यक्ति को पात्र शेष राशि का भुगतान प्राप्त करने के लिए लेखा कार्यालय में निर्दिष्ट आवेदन करना होगा। आवेदन में जमाकर्ता की मृत्यु का प्रमाण और यदि अन्य नामित व्यक्ति की भी मृत्यु हो गई है, तो उनके मृत्यु का प्रमाण भी संलग्न करना होगा। - नामांकित व्यक्तियों के बीच राशि का वितरण:
यदि दो या अधिक जीवित नामांकित व्यक्ति हैं, तो जमाकर्ता द्वारा नामांकन करते समय निर्दिष्ट अनुपात में शेष राशि का भुगतान किया जाएगा। यदि ऐसा अनुपात निर्दिष्ट नहीं किया गया है, तो शेष राशि सभी जीवित नामांकित व्यक्तियों को समान अनुपात में वितरित की जाएगी। - नामांकित व्यक्ति की मृत्यु:
यदि किसी नामांकित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उस व्यक्ति के निर्दिष्ट हिस्से को जीवित नामांकित व्यक्तियों के बीच उनके निर्दिष्ट शेयरों के समान अनुपात में वितरित किया जाएगा। - नाबालिग नामांकित व्यक्ति:
यदि किसी जीवित नामांकित व्यक्ति की उम्र नाबालिग है, तो उस स्थिति में भुगतान जमाकर्ता द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति को किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति नियुक्त नहीं किया गया है, तो भुगतान नाबालिग के अभिभावक को किया जाएगा। - जब नामांकन प्रभावी नहीं है:
यदि किसी जमाकर्ता की मृत्यु हो जाती है और उसकी मृत्यु के समय कोई नामांकन प्रभावी नहीं है, तो उसकी वसीयत का प्रोबेट या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र या भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के तहत प्राप्त उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, जमाकर्ता की मृत्यु से छह महीने के भीतर लेखा कार्यालय में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। यदि यह प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाएगी:- 5 लाख रुपये से कम की राशि:
यदि खाते में पात्र राशि 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो लेखा कार्यालय का अधिकारी या संबंधित संस्था का प्राधिकारी दावेदार को निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ एक निर्दिष्ट आवेदन पत्र पर भुगतान कर सकता है:
(i) मृत्यु प्रमाण पत्र
(ii) पासबुक, जमा रसीद या खाता विवरण (मूल रूप में)
(iii) शपथ पत्र
(iv) अस्वीकरण पत्र
(v) क्षतिपूर्ति बांड - 5 लाख रुपये से अधिक की राशि:
यदि मृतक के खाते में पात्र राशि 5 लाख रुपये से अधिक है, तो लेखा कार्यालय दावेदार को न्यायालय द्वारा जारी “उत्तराधिकार प्रमाण पत्र” प्रस्तुत करने पर ही राशि का भुगतान करेगा। आवश्यक दस्तावेजों में निम्नलिखित शामिल होंगे:
(i) दावा प्रपत्र
(ii) पासबुक, जमा रसीद या खाता विवरण (मूल रूप में)
(iii) खाताधारक का मृत्यु प्रमाण पत्र
- 5 लाख रुपये से कम की राशि:
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र क्या है?
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) एक सरकारी निवेश योजना है, जो भारत सरकार द्वारा दी जाती है। यह योजना निवेशकों को 5 साल के लिए आकर्षक ब्याज दर पर निवेश करने का अवसर प्रदान करती है। इस योजना में न्यूनतम ₹1000/- और ₹100/- के गुणकों में राशि जमा की जा सकती है। यह एक सुरक्षित और कम जोखिम वाली बचत योजना है, जो कर लाभ भी प्रदान करती है। - ‘राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी)’ में निवेश करने के लिए कौन पात्र है?
इस योजना में निवेश करने के लिए भारत का नागरिक होना आवश्यक है। इसके अलावा, नाबालिगों के लिए भी खाता खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए अभिभावक की अनुमति और देखरेख की आवश्यकता होगी। विकृत मस्तिष्क वाले व्यक्तियों की ओर से भी अभिभावक के माध्यम से निवेश किया जा सकता है। - क्या अनिवासी एनएससी में निवेश कर सकते हैं?
नहीं, एनएससी योजना केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है। अनिवासी भारतीय (NRI) इस योजना में निवेश नहीं कर सकते हैं। - क्या एनएससी निवेशकों के लिए कोई आयु प्रतिबंध है?
इस योजना में निवेश करने के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं है, लेकिन न्यूनतम आयु सीमा 10 वर्ष है। नाबालिग निवेशक इस योजना में निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए अभिभावक की अनुमति आवश्यक होती है। - इस योजना के लिए उपलब्ध अवधि क्या हैं?
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र की अवधि 5 वर्ष है। इस अवधि के बाद निवेशक को परिपक्वता राशि मिलती है, जिसमें ब्याज भी शामिल होता है। - इस योजना पर दी जाने वाली ब्याज की वर्तमान दर क्या है?
इस योजना पर वर्तमान में ब्याज दर 7.7% प्रति वर्ष है, जो वार्षिक रूप से संयोजित होती है, लेकिन ब्याज का भुगतान परिपक्वता पर किया जाता है। - मैं राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र के लिए कैसे आवेदन कर सकता हूँ?
आप एनएससी के लिए आवेदन करने के लिए निकटतम डाकघर शाखा या बैंक में जा सकते हैं। वहां आपको आवेदन फॉर्म मिलेगा, जिसे भरकर और आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करके जमा करना होगा। आप फॉर्म को भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं। - क्या एनएससी को किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है?
हां, एक खाते को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है, लेकिन कुछ शर्तों के तहत। उदाहरण के लिए, यदि खाता धारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसका खाता कानूनी उत्तराधिकारी या नामित व्यक्ति को स्थानांतरित किया जा सकता है। इसके अलावा, कोर्ट के आदेश या अन्य कानूनी परिस्थितियों में भी खाता हस्तांतरित किया जा सकता है। - निवेशक की मृत्यु की स्थिति में क्या होगा?
यदि किसी निवेशक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके खाते की शेष राशि उसके नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी को दी जाएगी। यदि नामांकन प्रभावी है, तो नामांकित व्यक्ति को शेष राशि मिल जाएगी। यदि नामांकन नहीं है, तो न्यायालय द्वारा जारी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के आधार पर राशि का भुगतान किया जाएगा।