Deen Dayal Upadhyay Grameen Kaushalya Yojana : बेरोजगारी कम करने सरकार ने 25 सितंबर 2014 को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना शुरू की।
केन्द्र सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) के तहत ग्रामीण युवाओं को न केवल रोजगार प्रदान करना है, बल्कि आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण दम है। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना न केवल युवाओं को रोजगार प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें अपने जीवन में नए आयाम जोड़ने का मौका भी दे रही है। इस योजना की सफलता भारत के ग्रामीण विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यदि यह योजना इसी प्रकार प्रभावी रूप से लागू होती रही, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत का हर ग्रामीण युवा सशक्त, आत्मनिर्भर और सपनों को साकार करने में सक्षम होगा। इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) के तहत कार्यरत है। यह योजना वर्तमान में देश के 33 राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के 610 जिलों में 202 से अधिक पीआईए के साथ साझेदारी में 50 से अधिक क्षेत्रों एवं 250 से अधिक व्यापार क्षेत्रों में लागू की जा रही है।
DDUGKY के तहत बाजार की मांग के समाधान के लिए नियोजन से जुड़ी स्किलिंग परियोजनाओं के लिए 25,696 रूपए से लेकर 1 लाख रूपए प्रति व्यक्ति तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जो परियोजना की अवधि और परियोजना के आवासीय या गैर आवासीय होने पर निर्भर करता है। डीडीयू-जीकेवाई 576 घंटे (3 महीने) से लेकर 2,304 घंटे (12 महीने) तक के प्रशिक्षण अवधि की परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसके तहत 250 से अधिक व्यापार क्षेत्र जैसे खुदरा, आतिथ्य, स्वास्थ्य, निर्माण, मोटर वाहन, चमड़ा, विद्युत, पाइपलाइन, रत्न और आभूषण आदि को अनुदान प्रदान करता है। इसका एकमात्र अधिदेश है कि कौशल प्रशिक्षण मांग आधारित होना चाहिए और कम से कम 75% प्रशिक्षुओं की नियुक्ति होनी चाहिए। केन्द्र व राज्य सरकारों से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं की एक जगह उपलब्ध करवाने का सरकारी फायदा (sarkari fayde.com) एक मंच है।
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना गरीब ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर मासिक मजदूरी प्रदान करने का लक्ष्य रखता है। यह ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलों में से एक है। आजीविका गरीबी कम करने के लिए एक मिशन है जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का एक हिस्सा है। इस योजना से 550 लाख से अधिक ऐसे गरीब ग्रामीण युवाओं को जो कुशल होने के लिए तैयार हैं, स्थायी रोजगार प्रदान करने के द्वारा लाभ होगा। इस योजना का महत्व गरीबी कम करने की इसकी क्षमता से है। इसकी संरचना प्रधानमंत्री के अभियान ‘मेक इन इंडिया’ के लिए एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में की गई है। इसके तहत जिला स्तर पर जिला परिषद या पंचायत समितियों के अंतर्गत योजना का संचालन किया जाता है।
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योजना का उद्देश्य (Objectives of DDU-GKY)
- कौशल विकास (Skill Development): ग्रामीण युवाओं को उनकी रुचि और क्षमताओं के आधार पर उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण प्रदान करना।
- रोजगार (Employment): प्रशिक्षण के बाद, युवाओं को देश और विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान करना।
- आर्थिक विकास (Economic Growth): ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आय बढ़ाकर समग्र विकास को बढ़ावा देना।
- समाज में समानता (Inclusion): महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं को प्राथमिकता देना।
पात्रता (Eligibility Criteria)
- आयु सीमा: योजना के तहत 15-35 वर्ष की आयु के युवा पात्र हैं। विशेष वर्गों के लिए आयु सीमा में छूट दी जाती है।
- ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित होना: आवेदक का ग्रामीण क्षेत्र का निवासी होना आवश्यक है।
- आर्थिक रूप से कमजोर: BPL परिवारों के युवा या ऐसे युवा जिनके परिवार के पास आय का सीमित स्रोत है।
- आधार कार्ड और बैंक खाता: योजना के लिए आधार कार्ड और बैंक खाता होना अनिवार्य है।
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योजना में इनका मिलेगा प्रशिक्षण (Training Provided)
- आईटी (IT) और सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट
- इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) और हार्डवेयर (Hardware)
- ब्यूटी और वेलनेस (Beauty and Wellness)
- हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म (Hospitality and Tourism)
- रिटेल और लॉजिस्टिक्स (Retail and Logistics)
- कृषि और खाद्य प्रसंस्करण (Agriculture and Food Processing)
- प्रशिक्षण के दौरान, युवाओं को आधुनिक तकनीकों और उन्नत उपकरणों का उपयोग करना सिखाया जाता है।
- उनके Soft Skills और Communication Skills पर भी ध्यान दिया जाता है।
Sarkari Yojana की विशेषताएं (Key Features of DDU-GKY)
- मुफ्त प्रशिक्षण (Free Training): यह योजना पूरी तरह से मुफ्त है, जिससे गरीब और वंचित वर्ग के युवा इसका लाभ उठा सकते हैं।
- स्टाइपेंड (Stipend): प्रशिक्षण के दौरान, युवाओं को स्टाइपेंड प्रदान किया जाता है।
- प्लेसमेंट (Placement Guarantee): योजना के तहत प्लेसमेंट की गारंटी दी जाती है।
- सर्टिफिकेशन (Certification): प्रशिक्षण पूरा करने पर युवाओं को मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र दिए जाते हैं।
- इंडस्ट्री से जुड़ाव (Industry Linkages): यह योजना उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षित करती है।
My Scheme : चुनौतियां व समाधान (Challenges and Solutions)
- जागरूकता की कमी (Lack of Awareness): कई युवा योजना के बारे में नहीं जानते।
- समाधान: स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
- प्रशिक्षण की गुणवत्ता (Quality of Training): कुछ केंद्रों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता में कमी है।
- समाधान: नियमित मॉनिटरिंग और निरीक्षण।
- प्लेसमेंट (Placement Issues): सभी युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार नहीं मिलता।
- समाधान: उद्योगों के साथ साझेदारी को मजबूत किया गया है।
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प्रश्नोत्तरी (FAQs)
- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना कब शुरू हुई?
- यह योजना 25 सितंबर 2014 को शुरू हुई।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान कर रोजगार योग्य बनाना।
- पात्रता की आयु सीमा क्या है?
- 15-35 वर्ष।
- योजना के तहत कौन से सेक्टर्स में प्रशिक्षण दिया जाता है?
- आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, हॉस्पिटैलिटी, ब्यूटी और वेलनेस आदि।
- क्या यह योजना मुफ्त है?
- हाँ, यह योजना पूरी तरह से मुफ्त है।
- योजना के तहत क्या प्लेसमेंट गारंटी दी जाती है?
- हाँ, प्लेसमेंट गारंटी दी जाती है।
- क्या महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है?
- हाँ, महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है।
- स्टाइपेंड का प्रावधान है?
- हाँ, प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेंड दिया जाता है।
- इस योजना का संचालन कौन करता है?
- ग्रामीण विकास मंत्रालय।
- योजना का लाभ कैसे उठाया जा सकता है?
- ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करके।
- प्रशिक्षण कितने समय तक चलता है?
- यह सेक्टर और कोर्स के आधार पर अलग-अलग होता है।
- क्या प्रमाणपत्र दिए जाते हैं?
- हाँ, मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र दिए जाते हैं।
- योजना के तहत किन युवाओं को प्राथमिकता दी जाती है?
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और महिलाएँ।
- प्लेसमेंट किन क्षेत्रों में होते हैं?
- देश और विदेश दोनों।
- क्या यह योजना ग्रामीण विकास में मदद करती है?
- हाँ, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में योगदान देती है।