PMFME Scheme : प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन योजना (PM FME Scheme) की शुरुआत 29 जून 2020 को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई थी। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य देश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के समक्ष आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करना और उनके उन्नयन व औपचारिकीकरण (Formalization) में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार का मुख्य फोकस देश में फैले असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को सशक्त बनाना है, जिससे छोटे व मध्यम स्तर के खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल सके। यह योजना विशेष रूप से व्यक्तिगत उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों (SHGs), किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और सहकारी समितियों की क्षमताओं को विकसित करने के लिए तैयार की गई है, ताकि वे अपने व्यवसाय को संगठित रूप में संचालित कर सकें और आधुनिक तकनीकों का लाभ उठा सकें।
PM FME योजना ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ (ODOP) मॉडल को भी बढ़ावा देती है, जिसमें प्रत्येक जिले में एक विशिष्ट खाद्य उत्पाद के प्रसंस्करण को प्राथमिकता दी जाती है। यह न केवल स्थानीय उत्पादों को पहचान दिलाने में मदद करता है, बल्कि निर्यात क्षमता को भी बढ़ाता है। इस योजना के माध्यम से सरकार सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और बाजार से जुड़ाव जैसी सुविधाएं प्रदान कर रही है, जिससे इन उद्यमों का संपूर्ण विकास सुनिश्चित किया जा सके। अंततः, PM FME योजना भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को औपचारिक रूप देने और छोटे उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे न केवल अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा सकें, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी जगह बना सकें।
What is the PMFME scheme? : PM FME Scheme – संक्षिप्त विवरण
मंत्रालय | खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार |
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योजना का नाम | प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM FME Scheme) |
आर्टिकल का नाम | PMFME Scheme |
आर्टिकल का प्रकार | सरकारी योजना |
सिद्धांत | लोकल फॉर वोकल (Local for Vocal) |
योजना का लाभ | PRADHAN MANTRI FORMALISATION OF MICRO FOOD PROCESSING ENTERPRISES SCHEME के तहत, बैंक से अधिकतम ₹10 लाख तक का लोन प्राप्त करने पर सीधा 35% सब्सिडी का लाभ मिलेगा। |
आवेदन का माध्यम | ऑनलाइन (Online) |
आधिकारिक वेबसाइट | यहां क्लिक करें |
PMFME Scheme subsidy : योजना के उद्देश्य
PMFME Scheme subsidy : प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM FME Scheme) का मुख्य उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत सूक्ष्म उद्यमों को सशक्त बनाना और उनके विकास के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है:
1. सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना
इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना, जिससे वे प्रतिस्पर्धी बाजार में मजबूती से स्थापित हो सकें और अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार कर सकें।
2. असंगठित क्षेत्र के उद्यमों का औपचारिकीकरण
असंगठित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को संगठित ढांचे में शामिल करके उनके व्यवसाय को औपचारिक रूप देना, जिससे वे सरकारी योजनाओं, वित्तीय सहायता और अन्य संसाधनों का अधिकतम लाभ उठा सकें।
3. किसान उत्पादक संगठनों (FPO), स्वयं सहायता समूहों (SHG) और सहकारी समितियों को समर्थन
खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों को उनकी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में सहायता प्रदान करना ताकि वे अपने उत्पादों की गुणवत्ता, उत्पादन क्षमता और विपणन में सुधार कर सकें।
4. वित्तीय सहायता और ऋण सुविधा तक पहुंच
मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों, एफपीओ, स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों को उनके व्यवसाय विस्तार के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराना और उन्हें 35% तक की सब्सिडी प्रदान करना।
5. ब्रांडिंग और मार्केटिंग को मजबूत बनाना
सूक्ष्म उद्यमों को एक संगठित आपूर्ति श्रृंखला से जोड़कर उनके उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग को सशक्त करना, जिससे उन्हें बड़े बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिले।
6. 2 लाख उद्यमों का औपचारिक रूप में रूपांतरण
योजना का लक्ष्य 2,00,000 से अधिक सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को औपचारिक ढांचे में लाना और उन्हें व्यावसायिक रूप से सशक्त बनाना।
7. सामान्य सेवाओं तक पहुंच में वृद्धि
खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सामान्य प्रसंस्करण सुविधाएं, प्रयोगशालाएं, भंडारण, पैकेजिंग, विपणन और इन्क्यूबेशन सेवाएं प्रदान करके उनके संचालन को अधिक प्रभावी और कुशल बनाना।
8. अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े संस्थानों को मजबूती प्रदान करना, अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देना और सूक्ष्म उद्यमियों को आधुनिक तकनीकों और प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण देना।
9. उद्यमों के लिए व्यावसायिक और तकनीकी सहायता
सूक्ष्म खाद्य उद्यमों को आवश्यक तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करना, जिससे वे अपने उत्पादन और व्यवसाय संचालन को अधिक प्रभावी बना सकें।
Pmfme yojana amount : PM FME योजना – परिव्यय एवं कवरेज
परिव्यय (Budget Allocation)
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM FME Scheme) के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक, कुल पांच वर्षों की अवधि के लिए ₹10,000 करोड़ का परिव्यय निर्धारित किया गया है। इस योजना के तहत वित्तीय सहायता के वितरण का ढांचा इस प्रकार रखा गया है:
- केंद्र और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय भागीदारी
- सामान्य राज्यों के लिए 60:40 के अनुपात में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच व्यय साझा किया जाएगा।
- उत्तर पूर्वी और हिमालयी राज्यों के लिए यह 90:10 के अनुपात में होगा, जिसमें केंद्र सरकार 90% और राज्य सरकारें 10% का योगदान देंगी।
- विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों में भी 60:40 अनुपात में व्यय का प्रबंधन होगा।
- अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में 100% वित्तीय सहायता केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।
कवरेज (Coverage)
PM FME योजना का उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना है, जिससे वे संगठित ढांचे में आ सकें और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें।
- 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को ऋण-लिंक्ड सब्सिडी के माध्यम से सहायता
- योजना के तहत 2 लाख से अधिक सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- प्रत्येक पात्र इकाई को बैंक से अधिकतम ₹10 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें 35% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- सामान्य बुनियादी ढांचे का विकास
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विस्तार और सुधार के लिए सहायक बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा, जिसमें प्रसंस्करण इकाइयों के लिए बेहतर सुविधाएं शामिल होंगी।
- स्टोरेज, पैकेजिंग, विपणन, और सामान्य प्रसंस्करण सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा, जिससे छोटे उद्यमों को लाभ मिल सके।
- संस्थागत सहायता का विस्तार
- योजना के तहत शोध एवं प्रशिक्षण केंद्रों को मजबूत किया जाएगा।
- नवाचार और उन्नत तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत ढांचे में सुधार किया जाएगा।
PM FME योजना एक व्यापक पहल है, जिसका उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना है। ₹10,000 करोड़ के बजट और 2 लाख उद्यमों को लाभ पहुंचाने के लक्ष्य के साथ, यह योजना स्थानीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को सशक्त बनाने, स्वरोजगार को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
Pmfme yojana Benefit : PM FME योजना के लाभ
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM FME Scheme) खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कार्यरत सूक्ष्म उद्यमों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तैयार की गई है। यह योजना चार व्यापक घटकों पर केंद्रित है, जो उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं और सूक्ष्म उद्यमों को औपचारिक एवं प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायता करते हैं।
1. व्यक्तियों एवं सूक्ष्म उद्यम समूहों को सहायता
- योजना के तहत व्यक्तिगत उद्यमियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPO), स्वयं सहायता समूहों (SHG) और सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- व्यक्तिगत उद्यमियों को बैंक से ₹10 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिस पर 35% तक की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट” (ODOP) के तहत, जिले विशेष में उत्पादित खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- सूक्ष्म उद्यमों को तकनीकी ज्ञान, कौशल प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास की सहायता मिलेगी।
2. ब्रांडिंग और विपणन सहायता
- स्थानीय और पारंपरिक खाद्य उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान दिलाने के लिए ब्रांडिंग और मार्केटिंग सहायता प्रदान की जाएगी।
- FPOs, SHGs और उद्यमियों को पैकेजिंग, लेबलिंग, प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग में सहायता दी जाएगी।
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर इन उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए विशेष सहायता दी जाएगी।
- घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में भागीदारी के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
3. संस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए समर्थन
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े संस्थानों, प्रशिक्षण केंद्रों और अनुसंधान इकाइयों को उन्नत किया जाएगा।
- सामान्य प्रसंस्करण सुविधाएं, गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं, भंडारण, पैकेजिंग और विपणन सुविधाओं तक पहुंच को सरल बनाया जाएगा।
- इस योजना के तहत प्रसंस्करण इकाइयों को अपग्रेड करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी ताकि वे खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों का पालन कर सकें।
4. एक मजबूत परियोजना प्रबंधन ढांचा स्थापित करना
- केंद्र और राज्य स्तर पर प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी के लिए एक मजबूत प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जाएगी।
- योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा।
- तकनीकी सहायता एजेंसियों (TSA) की मदद से योजना का क्रियान्वयन और निगरानी की जाएगी।
- राज्य स्तर पर राज्य नोडल एजेंसियों (SNA) को नामित किया जाएगा, जो योजना के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेंगी।
व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों, एफपीओ, सहकारी समितियों और स्वयं सहायता समूहों के लिए सहायता
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM FME) के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों, कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs), उत्पादक सहकारी समितियों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को विभिन्न प्रकार की वित्तीय, तकनीकी और प्रशिक्षण सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य इन इकाइयों को औपचारिक रूप से संगठित करना, उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना और उन्हें बाजार में सफलतापूर्वक स्थापित करना है।
1. व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को सहायता
- योजना के तहत 35% तक की ऋण-लिंक्ड पूंजी सब्सिडी प्रदान की जाती है।
- प्रति इकाई अधिकतम ₹10,00,000 तक की सहायता दी जाती है।
- लाभार्थी को परियोजना लागत का कम से कम 10% अंशदान स्वयं देना होगा, जबकि शेष राशि बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त की जा सकती है।
- इस सहायता से सूक्ष्म उद्यमी अपनी प्रसंस्करण इकाइयों का विस्तार, आधुनिकीकरण और तकनीकी उन्नयन कर सकते हैं।
2. कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) और उत्पादक सहकारी समितियों को सहायता
FPOs और सहकारी समितियों को सशक्त बनाने और उनकी व्यावसायिक संभावनाओं को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित सहायता प्रदान की जाती है:
- 35% की दर से ऋण-लिंक्ड अनुदान।
- व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि ये संगठित तरीके से बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें।
- अनुदान की अधिकतम सीमा निश्चित मानदंडों के अनुसार निर्धारित की जाएगी।
- संगठित आपूर्ति श्रृंखला, ब्रांडिंग, गुणवत्ता नियंत्रण और विपणन रणनीतियों के लिए समर्थन दिया जाता है।
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3. स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को सहायता
(A) बीज पूंजी सहायता
- स्वयं सहायता समूहों को कार्यशील पूंजी और छोटे औजारों की खरीद के लिए प्रत्येक सदस्य को ₹40,000 की प्रारंभिक पूंजी प्रदान की जाती है।
- “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट” (ODOP) योजना में शामिल SHGs को प्राथमिकता दी जाएगी।
- चूंकि सभी SHG सदस्य खाद्य प्रसंस्करण में शामिल नहीं होते, इसलिए यह सहायता SHG फेडरेशन स्तर पर प्रदान की जाएगी।
- राज्य नोडल एजेंसी (SNA) और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) के माध्यम से यह राशि SHG फेडरेशन को अनुदान के रूप में दी जाएगी, जो इसे SHG सदस्यों को ऋण के रूप में उपलब्ध कराएगा।
(B) खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की एकल इकाई के रूप में SHG सदस्यों को सहायता
- व्यक्तिगत स्वयं सहायता समूह सदस्यों को 35% की दर से ऋण-लिंक्ड अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिसकी अधिकतम राशि ₹10 लाख होगी।
- इस अनुदान का उपयोग खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, आधुनिकीकरण और क्षमता विस्तार के लिए किया जा सकता है।
(C) फेडरेशन स्तर पर पूंजी निवेश के लिए सहायता
- SHG फेडरेशन में पूंजी निवेश करने के लिए 35% की दर से ऋण-लिंक्ड अनुदान दिया जाएगा।
- इस प्रकार की वित्तीय सहायता की अधिकतम सीमा निर्धारित मानकों के अनुसार तय की जाएगी।
(D) प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता
- SHGs को तकनीकी प्रशिक्षण, व्यवसाय प्रबंधन, गुणवत्ता मानकों, ब्रांडिंग और विपणन में सहायता दी जाती है।
- राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) के प्रशिक्षित संसाधन व्यक्तियों द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को उन्नत करने, डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार करने और आवश्यक हैंडहोल्डिंग समर्थन प्रदान करने का कार्य किया जाएगा।
- इन संसाधन व्यक्तियों को स्थानीय कृषि उत्पादों और खाद्य प्रसंस्करण में विशेषज्ञता प्राप्त होगी, जिससे SHGs की उत्पादन क्षमता और बाजार पहुंच बढ़ सके।
सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए समर्थन, ब्रांडिंग एवं विपणन सहायता और अभिसरण फ्रेमवर्क
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM FME) के अंतर्गत सामान्य बुनियादी ढांचे के विकास, ब्रांडिंग एवं विपणन सहायता और अन्य सरकारी योजनाओं के साथ अभिसरण को विशेष रूप से प्राथमिकता दी गई है। इस योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को संगठित करने, तकनीकी सहायता प्रदान करने और उद्यमियों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं।
1. सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए समर्थन
PM FME योजना के अंतर्गत कृषि उपज और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसमें निम्नलिखित मुख्य घटक शामिल हैं:
(A) फार्म गेट पर कृषि उपज प्रसंस्करण सुविधाएं
- कृषि उपज की जांच, छंटाई, ग्रेडिंग और गोदामों का निर्माण।
- कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं, ताकि प्रसंस्करण के लिए आवश्यक कच्चे माल को उचित तापमान में संरक्षित किया जा सके।
- कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को प्राथमिकता, ताकि वे अपनी उपज का मूल्य संवर्धन कर सकें।
(B) सामान्य प्रसंस्करण सुविधाएं
- “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट” (ODOP) के तहत प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता बढ़े और बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता बनी रहे।
- सूक्ष्म और लघु उद्यमियों को तकनीकी सहायता, ताकि वे आधुनिक प्रसंस्करण तकनीकों का लाभ उठा सकें।
(C) इनक्यूबेशन सेंटर
- एक या अधिक उत्पाद लाइनों से युक्त इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें सूक्ष्म उद्यमी किराए पर लेकर अपने उत्पादों का प्रसंस्करण कर सकते हैं।
- इनक्यूबेशन सेंटर का आंशिक उपयोग प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए किया जाएगा और इसे व्यावसायिक आधार पर संचालित किया जाएगा।
2. ब्रांडिंग एवं विपणन सहायता
PM FME योजना के तहत स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने के लिए ब्रांडिंग और विपणन को मजबूत किया गया है। इसमें निम्नलिखित मुख्य पहल शामिल हैं:
(A) विपणन से संबंधित प्रशिक्षण
- खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को विपणन, ब्रांडिंग और व्यवसाय प्रबंधन में पूर्ण रूप से वित्तपोषित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक उत्पादों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विशेष रणनीतियां बनाई जाएंगी।
(B) ब्रांड और पैकेजिंग विकसित करना
- एक समान और मानकीकृत ब्रांड एवं पैकेजिंग विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- ODOP उत्पादों के लिए विशेष ब्रांडिंग अभियान चलाए जाएंगे।
(C) विपणन गठजोड़ और गुणवत्ता नियंत्रण
- राष्ट्रीय और क्षेत्रीय खुदरा श्रृंखलाओं एवं राज्य स्तरीय संस्थानों के साथ गठजोड़ किया जाएगा।
- उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मानकों के अनुरूप गुणवत्ता नियंत्रण को अनिवार्य किया जाएगा।
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3. अभिसरण फ्रेमवर्क (Convergence Framework)
PM FME योजना को विभिन्न सरकारी योजनाओं के साथ जोड़ा गया है, ताकि खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को अधिकतम लाभ मिल सके। इस योजना के तहत उद्यमियों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।
(A) अन्य सरकारी योजनाओं के साथ अभिसरण
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM)
- स्वयं सहायता समूहों को प्रारंभिक पूंजी, प्रशिक्षण, सहायता और ब्याज अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (SVEP)
- ग्रामीण स्टार्ट-अप को प्रशिक्षण, सहायता और सामुदायिक उद्यम निधि (CEF) के तहत ऋण सहायता प्रदान की जाएगी।
- 12% ब्याज दर पर व्यक्तिगत उद्यमियों को ₹1,00,000 तक और समूह उद्यमियों को ₹5,00,000 तक की वित्तीय सहायता।
- MSME के लिए वृद्धिशील ऋण पर ब्याज अनुदान योजना, 2018
- MSMEs को बकाया शेष राशि पर 2% ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी ट्रस्ट फंड (CGTMSE)
- ₹2,00,00,000 तक का गारंटी-मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
- ₹10,00,000 तक का ऋण प्रदान किया जाएगा।
- नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता संवर्धन योजना (ASPIRE)
- ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को तकनीकी सहायता और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- ग्रामीण उद्योग पुनरुद्धार निधि योजना (SFURTI)
- पारंपरिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आधुनिक तकनीकों के साथ उन्नत किया जाएगा।
- MSME के लिए सार्वजनिक खरीद नीति
- सरकारी खरीद में MSME उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजनाएं
- बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज, कृषि उत्पादन क्लस्टर, कोल्ड चेन आदि के तहत क्लस्टर और समूहों को सहायता प्रदान की जाएगी।
- PMKVY और NRLM के तहत कौशल प्रशिक्षण
- PMKVY और NRLM के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- कम अवधि के ऑन-साइट प्रशिक्षण के लिए PM FME योजना से विशेष सहायता प्रदान की जाएगी।
4. Pmfme yojana Eligibility : पीएमएफएमई योजना पात्रता
PM FME योजना के तहत निम्नलिखित इकाइयां वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगी:
- कृषक उत्पादक संगठन (FPOs)
- स्वयं सहायता समूह (SHGs)
- सहकारी समितियां
- मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी
- नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां (केवल “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट” (ODOP) योजना के तहत समर्थन दिया जाएगा।)
1. व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों के लिए
- मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ होनी चाहिए।
- ODOP उत्पादों के लिए SLUP में मान्यता प्राप्त या सत्यापित इकाइयाँ।
- 10 से कम कर्मचारी और गैर-निगमित उद्यम।
- स्वामित्व मालिकाना/साझेदारी फर्म में होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18+ वर्ष और न्यूनतम 8वीं कक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए।
- परिवार से केवल एक सदस्य पात्र होगा।
- परियोजना लागत का 10% अंशदान आवश्यक।
2. सहकारी समितियों/एफपीओ के लिए
- ODOP उत्पादों के प्रसंस्करण में संलग्न।
- न्यूनतम ₹1 करोड़ टर्नओवर।
- परियोजना लागत वर्तमान टर्नओवर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- सदस्यों को 3+ वर्षों का अनुभव आवश्यक।
- परियोजना लागत का 10% स्वयं या राज्य सरकार से सहायता।
3. स्वयं सहायता समूहों (SHG) के लिए
- केवल खाद्य प्रसंस्करण में संलग्न सदस्य पात्र।
- बीज पूंजी का उपयोग कार्यशील पूंजी और औजारों की खरीद में किया जाए।
- परियोजना लागत का 10% और कार्यशील पूंजी का 20% मार्जिन मनी अनिवार्य।
- ODOP उत्पादों के प्रसंस्करण में 3+ वर्षों का अनुभव आवश्यक।
4. ब्रांडिंग और विपणन सहायता के लिए
- प्रस्ताव ODOP से संबंधित हो।
- न्यूनतम ₹5 करोड़ टर्नओवर।
- अंतिम उत्पाद खुदरा पैक में बेचा जाना चाहिए।
- आवेदक एफपीओ/एसएचजी/सहकारी/राज्य स्तरीय एसपीवी हो।
5. क्षमता निर्माण और अनुसंधान सहायता
- राष्ट्रीय: NIFTEM और IIFPT पात्र।
- राज्य स्तरीय: कृषि विश्वविद्यालय, सरकारी खाद्य प्रसंस्करण अनुसंधान संस्थान, CSIR संस्थान पात्र।
- खाद्य प्रसंस्करण पाठ्यक्रम, प्रयोगशाला और अनुसंधान सुविधाएँ अनिवार्य।
- राज्य सरकार की अनुशंसा आवश्यक।
How to apply for PMFME Scheme : पीएमएफएमई योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन स्टेप्स
- पंजीकरण करें:
- PM FME वेबसाइट पर जाएं।
- “आवेदक लॉगिन” पर क्लिक करें।
- नए उपयोगकर्ता के लिए “साइन अप” करें और विवरण भरें।
- पंजीकरण के बाद ईमेल/मोबाइल पर लॉगिन क्रेडेंशियल प्राप्त होंगे।
- लॉगिन करें और आवेदन करें:
- उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करें।
- अपनी भूमिका चुनें (व्यक्तिगत/समूह/बुनियादी ढांचा)।
- “ऑनलाइन आवेदन करें” पर क्लिक करें और फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म सबमिट करें:
- सभी आवश्यक विवरण भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें।
- घोषणा की पुष्टि कर “सबमिट” करें।
- सफल जमा करने की सूचना ईमेल/मोबाइल पर मिलेगी।
Pmfme yojana Document : आवश्यक दस्तावेज़ (व्यक्तिगत/फर्म के लिए)
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक पासबुक की प्रति
- बिजनेस योजना
- स्वामित्व प्रमाण पत्र/किराया समझौता
- जीएसटी पंजीकरण (यदि लागू हो)
- कोटेशन और मशीनरी विवरण
- अन्य प्रासंगिक दस्तावेज़
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) – पीएमएफएमई योजना
1. पीएम एफएमई योजना क्या है?
यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जो सूक्ष्म उद्यमों, एफपीओ, एसएचजी और सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
2. सूक्ष्म उद्यम क्या हैं?
ऐसे छोटे व्यवसाय जिनमें 10 से कम कर्मचारी कार्यरत हों और गैर-निगमित हों।
3. क्या ऋण सब्सिडी/अनुदान की कोई सीमा है?
कुल परियोजना लागत का 35% (अधिकतम ₹10 लाख) तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
4. क्या इस योजना के लिए व्यक्ति को कोई प्रारंभिक निवेश करना होगा?
हाँ, लाभार्थी को परियोजना लागत का कम से कम 10% योगदान देना होगा।
5. सब्सिडी जमा करने की प्रक्रिया क्या है?
सब्सिडी सीधे लाभार्थी के ऋण खाते में जमा की जाएगी।
6. क्या इस योजना में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए कोई विशेष लाभ है?
हाँ, एससी/एसटी लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जाती है, और उन्हें बैंकों से ऋण लेने में सहूलियत मिलती है।
7. सब्सिडी राशि मेरे खाते में कब जमा होगी?
ऋण स्वीकृति और अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद सब्सिडी जारी की जाएगी।
8. यदि मैंने योजना का लाभ लिया है, तो क्या मेरा परिवार भी आवेदन कर सकता है?
नहीं, एक परिवार से केवल एक ही सदस्य इस योजना का लाभ उठा सकता है।
9. क्या मैं पीएम एफएमई योजना के साथ अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकता हूँ?
नहीं, इस योजना का लाभ लेने वाला व्यक्ति अन्य समान योजनाओं की सब्सिडी नहीं ले सकता।
10. इस योजना के तहत ब्रांडिंग और मार्केटिंग सहायता कैसे दी जाएगी?
एफपीओ, एसएचजी, सहकारी समितियों को ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
11. क्या डीपीआर तैयार करने के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी?
हाँ, डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
12. योजना की अवधि क्या है?
यह योजना 2020-21 से 2024-25 तक लागू है।
13. क्या आवेदन के लिए कोई शुल्क है?
नहीं, आवेदन करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
14. क्या आवेदन करने के लिए कोई आयु सीमा है?
हाँ, आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
15. इस योजना का लाभ उठाने के लिए कोई न्यूनतम योग्यता आवश्यक है?
हाँ, आवेदक को कम से कम 8वीं कक्षा पास होना चाहिए।
16. क्या कोई अन्य पात्रता मानदंड हैं?
हाँ, आवेदन करने वाले को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में होना चाहिए और योजना के अन्य पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा।
17. यदि मेरा आवेदन अस्वीकार हो जाता है, तो क्या मैं पुनः आवेदन कर सकता हूँ?
हाँ, आप सुधार के बाद पुनः आवेदन कर सकते हैं।
18. मेरे उद्यम में 10 से अधिक कर्मचारी हैं। क्या मैं आवेदन कर सकता हूँ?
नहीं, इस योजना के लिए केवल 10 या उससे कम कर्मचारियों वाले सूक्ष्म उद्यम पात्र हैं।