Janashree Bima Yojana : खादी कारीगर जनश्री बीमा योजना: कारीगरों के लिए सुरक्षा और सशक्तिकरण का एक अनूठा कदम

Janashree Bima Yojana : भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत में खादी का विशेष स्थान है। यह न केवल स्वदेशी भावना का प्रतीक है, बल्कि लाखों कारीगरों के लिए आजीविका का स्रोत भी है। खादी कारीगर जनश्री बीमा योजना (Khadi Karigar Janashree Bima Yojana) एक ऐसी समूह बीमा योजना है, जो खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के सहयोग से शुरू की गई है। यह योजना खादी कारीगरों (स्पिनरों और बुनकरों) को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह योजना सामान्य मृत्यु, आकस्मिक मृत्यु, स्थायी और आंशिक दिव्यांगता के लिए बीमा कवरेज प्रदान करती है, साथ ही कारीगरों के बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ भी देती है। इस लेख में हम इस योजना की पात्रता, लाभ, प्रीमियम, आवेदन प्रक्रिया, और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि खादी कारीगरों को इस योजना का अधिकतम लाभ मिल सके।

Janashree bima yojana amount खादी कारीगर जनश्री बीमा योजना की शुरुआत 2003-04 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) द्वारा खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के सहयोग से की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य खादी कारीगरों, विशेष रूप से स्पिनरों और बुनकरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है, जो अक्सर आर्थिक रूप से कमजोर और असंगठित क्षेत्र में कार्य करते हैं। यह योजना आम आदमी बीमा योजना (AABY) का हिस्सा है और खादी कारीगरों के लिए विशेष रूप से अनुकूलित की गई है। यह न केवल कारीगरों को वित्तीय सुरक्षा देती है, बल्कि उनके बच्चों की शिक्षा को भी प्रोत्साहित करती है।

योजना के तहत सामान्य मृत्यु, आकस्मिक मृत्यु, और दिव्यांगता के लिए बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, शिक्षा सहायता योजना (Shiksha Sahayog Yojana) के तहत कारीगरों के बच्चों को पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। यह योजना खादी कारीगरों को उनके जोखिम भरे कार्य और आर्थिक अनिश्चितताओं के खिलाफ एक सुरक्षा कवच प्रदान करती है।

Janashree bima yojana benefits : योजना के लाभ

 खादी कारीगर जनश्री बीमा योजना के तहत निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:

  1. सामान्य मृत्यु (Natural Death):
    • कारीगर की सामान्य मृत्यु होने पर नॉमिनी को 30,000 रुपये की बीमा राशि प्रदान की जाती है।
  2. आकस्मिक मृत्यु (Accidental Death):
    • दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर नॉमिनी को 75,000 रुपये की राशि दी जाती है।
  3. स्थायी दिव्यांगता (Permanent Disability):
    • दोनों आंखों या दोनों अंगों (हाथ/पैर) की कार्यक्षमता खोने पर 75,000 रुपये की सहायता।
  4. आंशिक दिव्यांगता (Partial Disability):
    • एक आंख या एक अंग की कार्यक्षमता खोने पर 37,500 रुपये की सहायता।
  5. शिक्षा सहायता (Shiksha Sahayog Yojana):
    • कारीगर के 9वीं से 12वीं कक्षा (या ITI में पढ़ने वाले) बच्चों को 600 रुपये प्रति तिमाही की छात्रवृत्ति, अधिकतम दो बच्चों तक।
    • यह राशि जनवरी और जुलाई में प्रदान की जाती है।

नोट: यदि कोई बच्चा उसी कक्षा में अनुत्तीर्ण होता है, तो उसे उस वर्ष के लिए छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।

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Janashree bima yojana eligibility : पात्रता मानदंड

खादी कारीगर जनश्री बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:

  • आवेदक का पेशा: आवेदक को खादी कारीगर (स्पिनर या बुनकर) होना चाहिए, जो खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) से संबद्ध किसी खादी संस्था में कार्यरत हो।
  • आयु सीमा: आवेदक की आयु 18 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • समूह सदस्यता: आवेदक को KVIC या LIC द्वारा स्वीकृत किसी व्यवसाय समूह (Occupational Group) का सदस्य होना चाहिए। समूह में न्यूनतम 25 सदस्य होने चाहिए।
  • आर्थिक स्थिति: आवेदक गरीबी रेखा से नीचे (BPL) या थोड़ा ऊपर (Marginally Above Poverty Line) होना चाहिए।
  • अन्य: आवेदक को खादी उत्पादन (कताई या बुनाई) में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।

प्रीमियम का विवरण

योजना के तहत वार्षिक प्रीमियम 100 रुपये प्रति कारीगर है, जो निम्नलिखित तरीके से साझा किया जाता है:

  • सामाजिक सुरक्षा कोष (Social Security Fund): 50 रुपये (50%)
  • खादी संस्था (Khadi Institution): 25 रुपये (25%)
  • खादी कारीगर (Artisan): 12.50 रुपये (12.5%)
  • खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC): 12.50 रुपये (12.5%)

यह राशि योजना को कारीगरों के लिए किफायती बनाती है, क्योंकि प्रीमियम का आधा हिस्सा सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वहन किया जाता है।

Janashree bima yojana apply online : आवेदन प्रक्रिया

वर्तमान में खादी कारीगर जनश्री बीमा योजना के लिए आवेदन ऑफलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। यह प्रक्रिया खादी संस्था के माध्यम से पूरी की जाती है, जो LIC के साथ समन्वय करती है। आवेदन और दावा प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:

  1. सदस्यता पंजीकरण:
    • कारीगर को KVIC से संबद्ध किसी खादी संस्था में पंजीकृत होना चाहिए।
    • संस्था द्वारा समूह (न्यूनतम 25 सदस्य) का गठन किया जाता है और LIC को प्रस्ताव भेजा जाता है।
  2. दावा प्रक्रिया (Claim Process):
    • चरण 1: मृत्यु या दिव्यांगता के मामले में, नॉमिनी या कारीगर को मूल मृत्यु प्रमाण पत्र या दिव्यांगता प्रमाण पत्र खादी संस्था के माध्यम से LIC के पेंशन समूह योजना विभाग (Pension Group Schemes Department) में जमा करना होगा।
    • चरण 2: आकस्मिक मृत्यु के मामले में, पुलिस जांच रिपोर्ट (Police Enquiry Report) भी जमा करनी होगी।
    • चरण 3: खादी संस्था दस्तावेजों को LIC की उस शाखा को अग्रेषित करेगी, जिसने मूल रूप से बीमा कवर को अंतिम रूप दिया था।
    • चरण 4: LIC दावों का निपटारा अकाउंट पेयी चेक (Account Payee Cheque) के माध्यम से सीधे लाभार्थी को भेजकर करेगी। इसकी सूचना संबंधित राज्य सरकार को दी जाएगी।
  3. छात्रवृत्ति के लिए आवेदन:
    • कारीगर को अपने बच्चों के लिए 9वीं से 12वीं कक्षा या ITI में पढ़ाई का प्रमाण (स्कूल/संस्थान से प्रमाण पत्र) खादी संस्था के माध्यम से जमा करना होगा।
    • LIC द्वारा हर छह महीने (जनवरी और जुलाई) में छात्रवृत्ति की राशि सीधे लाभार्थी के खाते में जमा की जाएगी।

नोट: योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। कारीगरों को अपनी खादी संस्था से संपर्क करना होगा।

Janashree bima yojana Document : आवश्यक दस्तावेज

योजना के तहत आवेदन और दावा प्रक्रिया के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

  • आयु प्रमाण: जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, या स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र।
  • आय प्रमाण: गरीबी रेखा से नीचे (BPL) या थोड़ा ऊपर होने का प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)।
  • पेशा प्रमाण: खादी संस्था द्वारा जारी प्रमाण पत्र, जो यह सत्यापित करे कि आवेदक स्पिनर या बुनकर है।
  • पहचान पत्र: आधार कार्ड (अनिवार्य)।
  • बैंक विवरण: आधार से लिंक किया हुआ बैंक खाता।
  • मृत्यु/दिव्यांगता प्रमाण पत्र: मृत्यु के मामले में मूल मृत्यु प्रमाण पत्र, और दिव्यांगता के मामले में चिकित्सा प्रमाण पत्र।
  • पुलिस जांच रिपोर्ट: आकस्मिक मृत्यु के मामले में।
  • छात्रवृत्ति के लिए: स्कूल/ITI से पढ़ाई का प्रमाण पत्र और बच्चों का आधार कार्ड।

योजना का महत्व

खादी कारीगर जनश्री बीमा योजना खादी कारीगरों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा कवच है। खादी उद्योग में कार्यरत कारीगर अक्सर कम आय और अनिश्चित कार्य परिस्थितियों का सामना करते हैं। यह योजना न केवल उनकी मृत्यु या दिव्यांगता के समय वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि उनके बच्चों की शिक्षा को भी प्रोत्साहित करती है। यह योजना खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के उस दृष्टिकोण को साकार करती है, जिसमें ग्रामीण कारीगरों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना शामिल है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. ‘स्थायी दिव्यांगता’ की परिभाषा क्या है?
    स्थायी दिव्यांगता का अर्थ है दोनों आंखों या दोनों अंगों (हाथ/पैर) की कार्यक्षमता का पूर्ण नुकसान, जिसके लिए 75,000 रुपये की सहायता दी जाती है।
  2. प्राकृतिक कारणों से मृत्यु होने पर अधिकतम कितनी सहायता मिलती है?
    प्राकृतिक मृत्यु पर नॉमिनी को 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  3. क्या बच्चों के लिए कोई लाभ है?
    हां, कारीगर के 9वीं से 12वीं कक्षा या ITI में पढ़ने वाले अधिकतम दो बच्चों को 600 रुपये प्रति तिमाही की छात्रवृत्ति दी जाती है।
  4. 45 वर्ष की आयु में क्या मैं इस योजना के लिए पात्र हूं?
    हां, यदि आप 18-59 वर्ष की आयु सीमा में हैं और खादी कारीगर के रूप में किसी स्वीकृत समूह के सदस्य हैं, तो आप पात्र हैं।
  5. क्या किसी विशेष राज्य से होना आवश्यक है?
    नहीं, यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर लागू है और किसी भी राज्य का खादी कारीगर आवेदन कर सकता है, बशर्ते वह पात्रता मानदंडों को पूरा करता हो।
  6. क्या आंशिक दिव्यांगता को कवर किया जाता है?
    हां, एक आंख या एक अंग की कार्यक्षमता खोने पर 37,500 रुपये की सहायता दी जाती है।
  7. लाभ कैसे प्राप्त होगा?
    दावों का निपटारा LIC द्वारा अकाउंट पेयी चेक के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में किया जाता है।
  8. प्रीमियम अंशदान का विवरण क्या है?
    वार्षिक प्रीमियम 100 रुपये है, जिसमें 50 रुपये सामाजिक सुरक्षा कोष, 25 रुपये खादी संस्था, 12.50 रुपये कारीगर, और 12.50 रुपये KVIC द्वारा वहन किए जाते हैं।
  9. क्या आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है?
    नहीं, वर्तमान में आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन है और खादी संस्था के माध्यम से पूरी की जाती है।

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